नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पिछले महीने हुए घातक भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पहली बार राजनीतिक दलों और युवा प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है। अधिकारियों ने गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को बताया कि यह वार्ता देश में संवाद और स्थिरता की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
कार्की, जो नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और फिलहाल अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, ने कहा, “हमने संवाद की कमी की स्थिति को समाप्त करके सहयोग और विश्वास का माहौल बनाने में सफलता प्राप्त की है।” यह बयान उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी किया।
यह बैठक 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री आवास पर हुई और करीब चार घंटे चली। इसमें युवाओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री की मीडिया समन्वयक राम रावल ने बताया कि बैठक का उद्देश्य युवाओं की चिंताओं को समझना और देश में शांति बहाल करना था।
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नेपाल में 8-9 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर लगाए गए अस्थायी प्रतिबंध से हुई थी, लेकिन यह जल्दी ही व्यापक आर्थिक कठिनाइयों और भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्से में बदल गया। इन दो दिनों के दौरान कम से कम 73 लोगों की मौत हुई थी और संसद, न्यायालयों तथा सरकारी भवनों को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया था।
सुशीला कार्की, 73 वर्ष की, देश में आगामी आम चुनावों तक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने आशा जताई कि राजनीतिक दल और युवा पीढ़ी मिलकर नेपाल को एक स्थिर और पारदर्शी लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
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