साहित्य का नोबेल पुरस्कार इस वर्ष हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई (László Krasznahorkai) को प्रदान किया गया है। स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि क्रास्ज़नाहोरकाई को “उनकी अद्वितीय साहित्यिक शैली और मानव अस्तित्व के गहराई तक उतरने वाली रचनाओं” के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है।
क्रास्ज़नाहोरकाई अपने जटिल कथानक, लंबी वाक्य संरचनाओं और दार्शनिक विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में “Satantango” और “The Melancholy of Resistance” शामिल हैं, जिन पर आधारित फिल्में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गईं। आलोचकों का मानना है कि उनके लेखन में आधुनिक समाज की अस्थिरता, नैतिक प्रश्नों और मनुष्य की आत्मा के संघर्ष को गहराई से उकेरा गया है।
नोबेल समिति ने कहा कि क्रास्ज़नाहोरकाई का लेखन “आधुनिक यूरोपीय साहित्य की सीमाओं को चुनौती देता है” और वे “अपने पाठकों को मानव चेतना की गहराइयों में झांकने का अवसर प्रदान करते हैं।”
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साहित्य के नोबेल पुरस्कार के साथ 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग ₹1.03 करोड़) की नकद राशि भी दी जाएगी। यह पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
हंगरी में इस पुरस्कार की घोषणा के बाद साहित्यिक जगत में उत्सव का माहौल है। कई आलोचकों और पाठकों ने कहा कि यह सम्मान न केवल क्रास्ज़नाहोरकाई की प्रतिभा की पहचान है, बल्कि पूरे हंगेरियन साहित्य के लिए गौरव का क्षण है।
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