उत्तर कोरिया ने अमेरिका की उस मंशा को सख्ती से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि वह उत्तर कोरिया के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर कूटनीतिक वार्ता फिर से शुरू करना चाहता है। उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उनकी शक्तिशाली बहन किम यो-जोंग ने अमेरिका के इस प्रस्ताव को सिरे से नकारते हुए कहा कि अमेरिका की नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और ऐसे में वार्ता का कोई अर्थ नहीं बनता।
किम यो-जोंग ने एक बयान में कहा कि अमेरिका केवल वार्ता की बात करता है लेकिन वास्तव में अपने शत्रुतापूर्ण रवैये से पीछे नहीं हटता। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका लगातार उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों और सैन्य दबाव का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे बातचीत का माहौल ही नहीं बन पा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाएगा और अमेरिकी प्रस्तावों पर भरोसा नहीं कर सकता। किम यो-जोंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने संकेत दिया था कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए फिर से वार्ता का रास्ता खोलना चाहता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया का यह रुख इस बात का संकेत है कि फिलहाल दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावना बेहद कम है। उत्तर कोरिया ने पहले भी कई बार कहा है कि वह तब तक किसी भी तरह की परमाणु वार्ता में शामिल नहीं होगा जब तक अमेरिका अपनी "द्वेषपूर्ण नीति" और प्रतिबंधों को समाप्त नहीं करता।
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