खैबर पख्तूनख्वा में हाल ही में हुए संघर्षों के बाद पाकिस्तान सेना ने आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को कड़ी चेतावनी दी है और यह स्पष्ट किया है कि उनके साथ किसी भी तरह का संवाद नहीं किया जाएगा। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान हालात में प्रदेश के लोग अपने खून और बलिदानों से कीमत चुका रहे हैं।
प्रवक्ता ने विशेष रूप से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पर आलोचना की, जो खैबर पख्तूनख्वा में सत्ता में है। उनका कहना था कि प्रदेश की जनता को लगातार सुरक्षा चुनौतियों और आतंकवादी गतिविधियों का सामना करना पड़ रहा है और इसके लिए राजनीतिक नेतृत्व भी जिम्मेदार है।
पाकिस्तान सेना ने यह स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी और सख्त सैन्य कार्रवाई जारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को कानूनी कार्रवाई और सख्त दंड का सामना करना पड़ेगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ते तनाव और संघर्ष ने सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना दिया है। सेना की इस चेतावनी का उद्देश्य न केवल आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करना है, बल्कि जनता में सुरक्षा और स्थिरता का संदेश देना भी है।
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि इमरान खान की पार्टी और सेना के बीच जारी तनातनी ने प्रदेश में सुरक्षा और राजनीतिक संतुलन को चुनौती दी है। यह स्थिति भविष्य में भी पाकिस्तान की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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