भारत ने कहा है कि पाकिस्तान की गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ उसकी इतिहास के अनुरूप हैं। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान के परमाणु शोध संबंधी टिप्पणियों के जवाब में आया है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को बताया कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के शोध को “दशकों से की जा रही तस्करी और अस्पष्ट साझेदारियों” ने समर्थन दिया है। उनका कहना था कि पाकिस्तान की यह गतिविधियाँ केवल हाल की घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि दशकों से चल रही गुप्त योजनाओं और नियंत्रण उल्लंघनों का हिस्सा है।
जैसवाल ने कहा, "गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ पाकिस्तान के इतिहास के अनुरूप हैं, जो दशकों की तस्करी, निर्यात नियंत्रण उल्लंघनों, गुप्त साझेदारियों, ए.क्यू. खान नेटवर्क और आगे की प्रसार गतिविधियों के इर्द-गिर्द केंद्रित रही हैं।"
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यह भारतीय प्रतिक्रिया उस समय आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित रूप से पाकिस्तान और अन्य कई देशों द्वारा किए गए परमाणु परीक्षणों का हवाला देते हुए अमेरिका के परमाणु हथियारों के परीक्षण को फिर से शुरू करने की आवश्यकता जताई थी। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियाँ लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती आई हैं और यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर ऐसे खतरों और अवैध परमाणु प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
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