पेरू की कांग्रेस ने राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे को पद से हटाने के लिए मतदान किया है, क्योंकि देश इन दिनों बढ़ती अपराध लहर और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। कांग्रेस के सदस्यों ने न्यूनतम आवश्यक 56 मतों से अधिक मत देकर इस प्रस्ताव को पारित किया, जिससे अब 130-सदस्यीय एकसदनीय संसद में बहस और महाभियोग (impeachment) की प्रक्रिया शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इस मतदान के बाद पेरू की राजनीति में उथल-पुथल तेज हो गई है। विरोधी दलों ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति बोलुआर्टे अपराध पर नियंत्रण करने में विफल रही हैं और उनकी नीतियों से जनता में असंतोष बढ़ा है। दूसरी ओर, राष्ट्रपति समर्थकों का कहना है कि यह कदम राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और इससे देश में अस्थिरता और बढ़ेगी।
पिछले कुछ महीनों में पेरू में हत्या, अपहरण और चोरी जैसे अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके चलते नागरिकों में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि अपराध नियंत्रण में विफलता और राजनीतिक अविश्वास दोनों मिलकर डीना बोलुआर्टे की स्थिति को कमजोर कर रहे हैं।
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महाभियोग प्रक्रिया के दौरान, कांग्रेस यह तय करेगी कि राष्ट्रपति को उनके पद से हटाया जाए या नहीं। यदि बहुमत इस प्रस्ताव के पक्ष में जाता है, तो पेरू को कुछ ही महीनों में नई राजनीतिक दिशा और संभावित चुनावों का सामना करना पड़ सकता है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब लैटिन अमेरिका के कई देश राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ते अपराधों से जूझ रहे हैं।
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