एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल नहीं उठाए। इस जानकारी ने दोनों देशों के रिश्तों में उस समय के तनाव को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत पर बढ़े अमेरिकी टैरिफ को लेकर दोनों नेताओं के बीच मतभेद गहराते जा रहे थे। अमेरिकी प्रशासन चाहता था कि भारत इस मुद्दे पर सीधी बातचीत करे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कथित तौर पर चार बार ट्रंप का फोन रिसीव नहीं किया।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक मार्क फ्रेज़ियर ने दावा किया कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति, जिसमें भारत को चीन को संतुलित करने की केंद्रीय भूमिका दी गई थी, “टूटती हुई नजर आ रही है।” उनके अनुसार, इस तरह की अनदेखी यह संकेत देती है कि भारत अपनी विदेश नीति में अधिक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर रुख अपना रहा है।
और पढ़ें: सरदार पटेल, अटल बिहारी वाजपेयी और बिरसा मुंडा की जयंती पर उच्च स्तरीय पैनलों की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत जरूर हैं, लेकिन आर्थिक और व्यापारिक विवाद समय-समय पर तनाव पैदा करते रहे हैं। टैरिफ विवाद के समय भारत ने अमेरिकी दबाव का प्रतिरोध करते हुए अपनी नीतियों को प्राथमिकता दी थी।
हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन घटनाओं के बावजूद दोनों देशों के रिश्ते दीर्घकाल में सहयोग और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ते रहे।
और पढ़ें: आज की बड़ी खबरें: भारत पर अमेरिकी अतिरिक्त शुल्क की अधिसूचना; पीएम मोदी ने मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार e-विटारा को हरी झंडी दिखाई