रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की वैश्विक मामलों में बढ़ती प्रतिष्ठा और प्रभाव को ‘योग्य सम्मान’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने संतुलित दृष्टिकोण, आर्थिक प्रगति और स्वतंत्र विदेश नीति के माध्यम से जो सम्मान अर्जित किया है, वह पूरी तरह से योग्य है।
पुतिन ने भारत और रूस के बीच “विशेष वरीयता प्राप्त सामरिक साझेदारी” (Special Privileged Strategic Partnership) को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध दशकों पुराने हैं और आपसी विश्वास, समान हितों तथा बहुपक्षीय सहयोग पर आधारित हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि भारत और रूस न केवल ऊर्जा, रक्षा और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी साथ खड़े हैं। पुतिन के अनुसार, “भारत के नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति, स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और रूस इस प्रयास का सम्मान करता है।”
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उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी केवल द्विपक्षीय हितों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज को सशक्त बनाने और एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभा रही है। पुतिन ने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में यह संबंध और गहरे होंगे तथा नई रणनीतिक परियोजनाओं के माध्यम से व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार होगा।
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