भारत में ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) कंपनियों ने बड़े पैमाने पर अपने संचालन को बंद कर दिया है। 21 और 22 अगस्त के बीच अधिकांश प्रमुख प्लेटफॉर्म्स ने नकद गेम्स (Cash Games) की पेशकश रोक दी। यह कदम 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हुए प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ गेमिंग एक्ट, 2025 (Promotion and Regulation of Gaming Act, 2025) के अनुपालन में उठाया गया है।
इस नए कानून का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करना, उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है। कानून लागू होने के तुरंत बाद कई प्रमुख गेमिंग कंपनियों ने अपनी सेवाएँ निलंबित कर दीं, ताकि किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून गेमिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाएगा, लेकिन साथ ही अल्पकालिक रूप से कंपनियों के राजस्व पर असर डाल सकता है। जिन कंपनियों का व्यवसाय मुख्य रूप से नकद गेम्स पर आधारित था, वे इस परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होंगी।
और पढ़ें: केंद्र लाएगा कानून, रियल मनी गेमिंग कंपनियों पर लगेगा प्रतिबंध
कानून के अनुसार, किसी भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को नकद पुरस्कार वाले गेम्स की पेशकश करने से पहले सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य होगा। उल्लंघन की स्थिति में भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द किए जाने का प्रावधान है।
सरकार का दावा है कि यह कानून खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करेगा और गेमिंग क्षेत्र में वैध कारोबार को बढ़ावा देगा। वहीं, उद्योग जगत का कहना है कि दीर्घकाल में यह नियमावली निवेश और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर सकती है।
और पढ़ें: उत्तराखंड में भारी बारिश से थराली-चमोली में बाढ़, दो लापता; राष्ट्रीय राजमार्ग बंद