रूस ने घोषणा की है कि यूक्रेन के साथ चल रही शांति वार्ता को फिलहाल रोक दिया गया है। मॉस्को ने आरोप लगाया है कि यूरोपीय देश इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं और वार्ता को आगे नहीं बढ़ने दे रहे। रूस का कहना है कि कीव वर्तमान "जमीनी हकीकत" को मान्यता देने से इंकार कर रहा है, जिससे बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही।
रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जब तक यूक्रेन यह स्वीकार नहीं करता कि उसके कुछ क्षेत्र अब रूस के नियंत्रण में हैं, तब तक किसी सार्थक समझौते की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूरोपीय राष्ट्र यूक्रेन को लगातार समर्थन देकर शांति प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं।
दूसरी ओर, यूक्रेन का आरोप है कि रूस केवल वार्ता का नाटक कर रहा है और वास्तव में उसका उद्देश्य अधिक से अधिक क्षेत्र पर कब्जा करना है। कीव का कहना है कि मॉस्को बातचीत की मेज़ पर शांति का दावा करता है, लेकिन मैदान में हमले तेज कर रहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि वार्ता में आई यह रुकावट न केवल संघर्ष को लंबा खींच सकती है बल्कि यूरोप की सुरक्षा स्थिति को भी और अधिक जटिल बना सकती है। यूरोपीय संघ ने रूस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि असल समस्या रूस की आक्रामक कार्रवाई है, जिसने वार्ता की पूरी नींव को कमजोर कर दिया है।
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