बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत-बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण बयान दे रही है और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में विफल रही है।
हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या भी शामिल है। इसके साथ ही कट्टरपंथी समूहों द्वारा भारत के राजनयिक मिशनों को धमकियों के बाद भारत में गहरी चिंता जताई गई है। शेख हसीना का कहना है कि भारत के साथ संबंधों में आई कड़वाहट पूरी तरह यूनुस सरकार की नीतियों का नतीजा है।
उन्होंने कहा, “जो तनाव आप देख रहे हैं, वह पूरी तरह यूनुस की देन है। उनकी सरकार भारत के खिलाफ बयान देती है, अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं करती और चरमपंथियों को विदेश नीति तय करने देती है, फिर हैरान होती है कि रिश्ते क्यों बिगड़ रहे हैं।” हसीना ने दोहराया कि भारत दशकों से बांग्लादेश का सबसे भरोसेमंद मित्र और साझेदार रहा है और दोनों देशों के संबंध किसी अस्थायी सरकार से ऊपर हैं।
और पढ़ें: चर्च में झूठी आतंकी धमकी देने के आरोप में भारतीय मूल के सिंगापुर नागरिक पर मामला दर्ज
शेख हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस सरकार ने उन तत्वों को सत्ता में जगह दी है जिन्होंने भारतीय दूतावास पर हमले किए, मीडिया दफ्तरों को निशाना बनाया और अल्पसंख्यकों पर हमले किए। उन्होंने कहा कि दोषी आतंकियों को जेल से रिहा किया गया और उपद्रवियों को “योद्धा” कहा गया, जिससे हालात और बिगड़े।
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर बांग्लादेशी दूत को तलब किया था। वहीं ढाका ने भी भारत पर अपने यहां रह रहे बांग्लादेशी नेताओं की गतिविधियों को लेकर आपत्ति जताई थी।
हसीना ने कहा कि जब वैध शासन बहाल होगा, तब बांग्लादेश फिर से भारत के साथ वही व्यावहारिक और मजबूत साझेदारी अपनाएगा, जो उनके 15 वर्षों के कार्यकाल में बनी थी।
और पढ़ें: बॉडी बीच गोलीकांड: आरोपियों ने ग्रामीण इलाकों में किया था टैक्टिकल प्रशिक्षण, पुलिस का दावा