झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का निधन हो गया है। राज्य की राजनीति में लंबे समय तक अहम भूमिका निभाने वाले शिबू सोरेन का निधन एक बड़े राजनीतिक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है।
शिबू सोरेन अपने पीछे पत्नी रूपी सोरेन, दो बेटे – पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन – तथा बेटी अंजलि सोरेन को छोड़ गए हैं। परिवार और समर्थकों में उनके निधन से गहरा शोक व्याप्त है।
शिबू सोरेन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आदिवासी समुदाय के अधिकारों और झारखंड राज्य के निर्माण की लड़ाई से की थी। उन्हें 'गुरुजी' के नाम से भी जाना जाता था और वे कई बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने आदिवासी अधिकारों, खनन क्षेत्र में सुधार और सामाजिक न्याय के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।
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उनके नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के अलग अस्तित्व के लिए लंबा संघर्ष किया, जिसका परिणाम 2000 में झारखंड के गठन के रूप में सामने आया। वे केंद्रीय सरकार में भी मंत्री रह चुके थे और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी गहरी पकड़ थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां लंबे समय तक याद रखेंगी। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
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