दक्षिण अफ्रीका के रेडक्लिफ स्थित अहोबिलम टेंपल ऑफ प्रोटेक्शन के निर्माणाधीन स्थल पर हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। चार मंजिला मंदिर निर्माण स्थल पर भारी मात्रा में कंक्रीट ढह जाने से यह दुर्घटना हुई। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, खराब मौसम के चलते शनिवार (13 दिसंबर 2025) दोपहर बाद बचाव अभियान अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
The Indian Witness के अनुसार राहतकर्मी दो दिनों से एक पांचवें व्यक्ति के शव को निकालने की कोशिश कर रहे थे, जिसकी लोकेशन का पता चल गया था। हालांकि, प्रतिकूल मौसम की वजह से आगे काम करना मुश्किल हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह पुष्टि नहीं की जा सकती कि मलबे के नीचे कोई और लोग फंसे हुए हैं या नहीं।
मृतकों में 52 वर्षीय विक्की जयराज पांडे की पहचान हो चुकी है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों से मंदिर को अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह मंदिर के कार्यकारी सदस्य और निर्माण परियोजना के प्रबंधक थे। मंदिर से जुड़े ‘फूड फॉर लव’ नामक चैरिटी के निदेशक संवीर महाराज ने भी पांडे के निधन की पुष्टि की है। यह मंदिर ईथेक्विनी (पूर्व में डरबन) के उत्तर में स्थित, मुख्यतः भारतीय आबादी वाले क्षेत्र की एक खड़ी पहाड़ी पर बनाया जा रहा था।
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ईथेक्विनी नगर निगम के एक बयान में कहा गया है कि मंदिर का निर्माण बिना स्वीकृत नक्शों के किया जा रहा था, जिससे यह अवैध निर्माण प्रतीत होता है। प्रारंभिक बचाव प्रयास एक फंसे व्यक्ति के मोबाइल फोन कॉल के आधार पर शुरू हुए थे, लेकिन शुक्रवार (12 दिसंबर) देर शाम कॉल आना बंद हो गया।
शनिवार को क्वाज़ुलु-नटाल प्रांतीय मंत्री थुलासिज़्वे बुथेलेज़ी ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि बचाव अभियान आवश्यकतानुसार जारी रहेगा, भले ही विशेषज्ञों ने और जीवित बचे लोगों के मिलने की संभावना कम बताई हो। उन्होंने सरकारी और निजी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों, तथा वेस्टर्न केप से आई विशेष डॉग यूनिट की भूमिका की सराहना की।
अहोबिलम टेंपल ऑफ प्रोटेक्शन को गुफा के आकार में बनाया जा रहा था, जिसमें भारत से लाए गए पत्थरों और स्थल से निकाले गए पत्थरों का उपयोग किया गया था। निर्माण लगभग दो वर्ष पहले शुरू हुआ था और दावा किया गया था कि यहां भगवान नरसिंहदेव की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
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