सूडान में संघर्ष ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है। एल-फाशर शहर में रेडियल सपोर्ट फोर्स (RSF) ने एक अस्पताल पर गोले दागे और आठ लोगों को अगवा कर लिया। स्थानीय बचावकर्मियों ने बताया कि यह हमला शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं और नागरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
एल-फाशर पिछले एक वर्ष से RSF की घेराबंदी में है और यह पश्चिमी दारफुर का आखिरी प्रमुख शहर है जो अब भी सूडानी सेना के नियंत्रण में है। अप्रैल 2023 में सूडान की सेना प्रमुख अब्देल फताह अल-बुरहान और उनके पूर्व उपाध्यक्ष एवं RSF कमांडर मोहम्मद हम्दान डागलो के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से यह क्षेत्र संघर्ष का मुख्य केंद्र बना हुआ है।
स्थानीय बचावकर्मियों ने बताया कि अस्पताल पर हुई गोलीबारी से कई घायल हुए हैं और चिकित्सा सेवाएं गंभीर रूप से बाधित हुई हैं। साथ ही, नागरिकों में भय का माहौल पैदा हो गया है क्योंकि आक्रमण में लोगों का अगवा होना एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।
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सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, एल-फाशर का यह संघर्ष सूडान में व्यापक राजनीतिक और सुरक्षा संकट को दर्शाता है। सेना और RSF के बीच चल रहे इस संघर्ष में न केवल शहर के नागरिक प्रभावित हैं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं का संचालन भी ठप हो गया है।
सरकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठन युद्धग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर यह हिंसा जारी रही, तो पश्चिमी दारफुर में मानवीय संकट और भी गंभीर हो सकता है।
इस घटना ने सूडान की राजनीतिक अस्थिरता और नागरिक सुरक्षा की स्थिति पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगाया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जल्द हस्तक्षेप की मांग बढ़ा दी है।
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