असम के सोनितपुर ज़िले में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित तेजपुर विश्वविद्यालय में जारी आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर सभी हितधारकों ने सोमवार (29 दिसंबर, 2025) को 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की। यह आंदोलन विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) शंभू नाथ सिंह पर कथित भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के आरोपों को लेकर मध्य सितंबर से चल रहा है।
छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के संयुक्त मंच तेजपुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम (TUUF) ने बताया कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से लगातार 100 दिनों तक प्रदर्शन करने के बावजूद अब तक कुलपति को हटाने या उनके खिलाफ किसी स्वतंत्र जांच को लेकर कोई ठोस कार्रवाई या भरोसा नहीं मिला है। TUUF ने इस स्थिति पर गहरी निराशा व्यक्त की है।
29 नवंबर के बाद से आंदोलन और तेज हो गया, जब सभी हितधारकों के संयुक्त मंच ने कुलपति को हटाने और उनके कार्यकाल के दौरान हुई कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को और मुखर रूप दिया। TUUF के एक स्वयंसेवक ने कहा कि गंभीर आरोपों के बावजूद कुलपति का लगातार अनुपस्थित रहना और प्रशासन की निष्क्रियता विश्वविद्यालय को प्रशासनिक ठहराव की स्थिति में ले आई है, जिससे संस्थान की साख को नुकसान पहुंचा है।
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तेजपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (TUTA), गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ (TUNTEA) और छात्र समुदाय ने सोमवार रात 12 बजे से 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की, जो रात 11:59 बजे तक चलेगी। TUUF के अनुसार, यह सामूहिक कदम शासन व्यवस्था की विफलता की ओर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है।
छात्रों का कहना है कि यह केवल एक विश्वविद्यालय का मामला नहीं, बल्कि सार्वजनिक संस्थानों की विश्वसनीयता और जवाबदेही से जुड़ा सवाल है। विश्वविद्यालय समुदाय ने यह भी आरोप लगाया है कि कुलपति के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ परिसर में वनों की कटाई और पर्यावरणीय नुकसान भी हुआ है।
गौरतलब है कि सितंबर में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और कुलपति के बीच तीखी बहस के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी, जिसके बाद से कुलपति परिसर से दूर हैं। आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 11 संकाय सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी अपने पदों या विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे चुके हैं।
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