थाईलैंड ने सीमा विवाद के बीच दो घायल कंबोडियाई सैनिकों को उनके देश वापस भेज दिया है, जबकि बाकी 18 सैनिकों को अभी भी हिरासत में रखा गया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है कि किसने नागरिकों को निशाना बनाया और युद्ध कानूनों का उल्लंघन किया।
थाई अधिकारियों ने बताया कि घायल सैनिकों को मानवीय आधार पर लौटाया गया है ताकि उन्हें कंबोडिया में बेहतर इलाज मिल सके। हालांकि, शेष 18 सैनिकों की हिरासत पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है।
इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद से प्रेरित बहस तेज हो गई है, जहां थाई और कंबोडियाई नागरिक एक-दूसरे पर सीमा संघर्ष में नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं।
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अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि दोनों पक्षों को संघर्ष विराम और मानवीय कानूनों का पालन करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सहित कई संगठनों ने युद्धबंदियों के सुरक्षित और शीघ्र आदान-प्रदान की अपील की है।
कंबोडियाई सरकार ने थाईलैंड से सभी 18 सैनिकों को तुरंत रिहा करने की मांग की है और कहा है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का समाधान कूटनीतिक वार्ता से ही संभव है, लेकिन सोशल मीडिया पर बढ़ती राष्ट्रवादी बयानबाजी स्थिति को और जटिल बना रही है।
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