अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (24 नवंबर, 2025) को म्यांमार के नागरिकों के लिए अस्थायी सुरक्षा (Temporary Protected Status – TPS) समाप्त करने की घोषणा की। इस फैसले से लगभग 4,000 लोग प्रभावित होंगे जो अमेरिका में TPS के तहत रह रहे हैं।
TPS धारकों को देश से निकाले जाने पर सुरक्षा मिलती है और उन्हें काम करने की अनुमति होती है। यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें अपने देश लौटने पर युद्ध, प्राकृतिक आपदा या अन्य असाधारण परिस्थितियों के कारण खतरा हो। ट्रंप प्रशासन ने अपने व्यापक आप्रवासन अभियान के तहत TPS को अफ़ग़ानिस्तान, कैमरून, हैती, होंडुरास, नेपाल, निकारागुआ, सीरिया, दक्षिण सूडान और वेनेजुएला के नागरिकों को भी हटा दिया है। हाल ही में उन्होंने सोमालियाई नागरिकों के लिए भी TPS वापस लेने की घोषणा की।
म्यांमार में TPS 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद दिया गया था। गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि इसे हटाने का निर्णय देश की परिस्थितियों की समीक्षा के बाद लिया गया। नोएम ने कहा कि म्यांमार अब भी "सशस्त्र प्रतिरोध के खिलाफ चल रही सैन्य कार्रवाई के कारण मानवतावादी चुनौतियों" का सामना कर रहा है, हालांकि "राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर शासन और स्थिरता में सुधार" हुआ है।
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फैसले की कड़ी आलोचना मानवाधिकार संगठन जैसे Human Rights Watch (HRW) और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने की। HRW ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दावे "बेहद भ्रामक और अविश्वसनीय" हैं। टर्क ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में म्यांमार में "मुक्त और निष्पक्ष चुनाव" कराना "अकल्पनीय" है।
अधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि चुनाव वैध नहीं हो सकते, क्योंकि लोकतांत्रिक नेता आंग सान सू ची को पदच्युत कर जेल में रखा गया और उनकी पार्टी NLD को भंग कर दिया गया है। म्यांमार में नागरिक युद्ध और सशस्त्र संघर्ष लगातार जारी हैं और अमेरिकी विदेश विभाग ने नागरिकों को म्यांमार यात्रा न करने की सलाह दी है।
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