अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जापान में सोमवार को भव्य स्वागत किया गया। यह उनके पांच दिवसीय एशिया दौरे का अहम हिस्सा है, जिसमें वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संभावित व्यापार समझौते को लेकर मुलाकात करने वाले हैं। इस समझौते से अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को विराम मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
ट्रंप ने जनवरी में पदभार संभालने के बाद यह अपनी अब तक की सबसे लंबी विदेश यात्रा की है। मलेशिया में उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया के चार देशों के साथ व्यापार और महत्वपूर्ण खनिजों पर कई समझौते किए। इसके बाद वे गुरुवार को दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मिलेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों के वार्ताकारों ने रविवार को एक प्रारंभिक ढांचा तैयार किया है, जिसके तहत अमेरिका की उच्च टैरिफ दरों और चीन के रेयर अर्थ खनिजों के निर्यात प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। इस खबर से एशियाई शेयर बाज़ारों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई।
और पढ़ें: ट्रम्प का दावा: पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष जल्द सुलझाएंगे
टोक्यो पहुंचने से पहले ट्रंप ने कहा, “मुझे राष्ट्रपति शी के प्रति बहुत सम्मान है और मुझे विश्वास है कि हम एक अच्छा समझौता करेंगे।”
ट्रंप का स्वागत जापान के सम्राट नारुहितो ने किया। शाही महल में दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और औपचारिक तस्वीरें खिंचवाईं। सुरक्षा कारणों से टोक्यो में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
इस यात्रा के दौरान ट्रंप को जापान से 550 अरब डॉलर के निवेश का आश्वासन मिला है, जिसके बदले अमेरिका ने कुछ आयात शुल्कों में राहत देने पर सहमति जताई है। जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने ट्रंप को भरोसा दिलाया कि उनका देश अमेरिका से अधिक सोयाबीन, पिकअप ट्रक और गैस खरीदेगा।
दोनों देशों के बीच मंगलवार को जहाज निर्माण क्षेत्र में निवेश समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। ताकाइची ने कहा कि जापान अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और अमेरिका-जापान गठबंधन को और मजबूत करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।
और पढ़ें: कनाडा पर ट्रंप ने बढ़ाई 10% टैरिफ दर, विवादित विज्ञापन को लेकर जताया असंतोष