व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वीज़ा को लेकर दृष्टिकोण “बहुत संतुलित और व्यावहारिक” है, और वह अमेरिकी कर्मचारियों को विदेशी कर्मचारियों से बदलने के पक्ष में नहीं हैं। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की स्थिति को अक्सर गलत ढंग से पेश किया गया है।
कैरोलाइन लेविट ने बताया कि यदि विदेशी कंपनियां अमेरिका में ट्रिलियंस डॉलर का निवेश कर रही हैं और बैटरी जैसे अत्यंत विशेष उत्पादों के लिए विदेशी कर्मचारियों को साथ ला रही हैं, तो ट्रंप चाहते हैं कि शुरुआती चरण में उन्हें अनुमति दी जाए ताकि निर्माण इकाइयां और फैक्ट्रियां शुरू हो सकें।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अंततः राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि इन नौकरियों में अमेरिकी कर्मचारी कार्य करें। उन्होंने विदेशी निवेशकों से कहा है कि “यदि आप अमेरिका में कारोबार करेंगे तो आपको मेरे लोगों को ही नौकरी पर रखना होगा।”
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लेविट के अनुसार, राष्ट्रपति का लक्ष्य अमेरिकी विनिर्माण उद्योग को पहले से अधिक मजबूत बनाना है। इसलिए वे टैरिफ और व्यापार समझौतों का उपयोग करके वैश्विक निवेश को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे देश में लाखों अच्छी नौकरियां पैदा होंगी।
H-1B वीज़ा पर MAGA समर्थकों द्वारा उठाई गई आलोचनाओं के बीच ट्रंप ने कहा है कि वह कुशल विदेशी विशेषज्ञों का स्वागत करेंगे, जो चिप्स, मिसाइल और अन्य जटिल उत्पादों के निर्माण में अमेरिकी कर्मियों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने स्वीकार किया कि इस कारण उन्हें अपने समर्थकों से “थोड़ी आलोचना” झेलनी पड़ सकती है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में अब बड़ी और अत्यंत जटिल चिप फैक्ट्रियां और हाई-टेक प्लांट्स बन रहे हैं, जिनमें अत्यधिक विशेषज्ञता की आवश्यकता है। ऐसे में कंपनियों को विदेशों से कुशल कर्मचारियों को लाना पड़ेगा, क्योंकि ये काम बेरोजगारी लाइन से उठाए गए लोगों के बस की बात नहीं है।
उन्होंने H-1B कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका को वैश्विक प्रतिभा की आवश्यकता है, क्योंकि देश में कुछ विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता की कमी है। गौरतलब है कि H-1B और L1 वीज़ा का उपयोग अमेरिकी कंपनियां विदेशी विशेषज्ञों को नियुक्त करने के लिए करती हैं, जबकि ट्रंप प्रशासन अवैध आव्रजन पर कड़ा अभियान चला रहा है।
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