अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ को लेकर अपने रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं। यह सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रम्प अब दोनों देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर अधिक लचीला रुख अपनाने जा रहे हैं।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में ट्रम्प ने कहा कि “हम कई मुद्दों पर बात कर रहे हैं और देख रहे हैं कि व्यापार को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।” हालांकि उन्होंने किसी ठोस फैसले या बदलाव का सीधा ऐलान नहीं किया, लेकिन उनके बयानों से यह संकेत मिला कि भविष्य में टैरिफ नीतियों पर पुनर्विचार हो सकता है।
ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भारत और चीन से आने वाले कई उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया था। इसका उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देना और व्यापार घाटे को कम करना था। लेकिन इन फैसलों से अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में तनाव भी बढ़ा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का हालिया बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, ताकि वह एशियाई देशों के साथ संबंध सुधारने के संकेत देकर वैश्विक व्यापार जगत को आश्वस्त कर सकें। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनके रुख में वास्तविक बदलाव होगा या नहीं।
अमेरिकी व्यापार नीति पर ट्रम्प के इन संकेतों ने राजनीतिक और आर्थिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है।
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