संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपनी विदेश नीति और वैश्विक संस्थाओं के प्रति रुख को लेकर दुनिया के नेताओं के समक्ष भाषण देंगे। ट्रम्प ने अपने पहले आठ महीनों में अमेरिकी प्रशासन द्वारा वैश्विक निकायों के लिए समर्थन को कम करने के लिए कई कदम उठाए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प के भाषण पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी होंगी, क्योंकि उनके विचार और बयान अंतरराष्ट्रीय नीतियों और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संस्थानों पर असर डाल सकते हैं। ट्रम्प अपने भाषण में उन “वैश्विक संस्थाओं” पर कटाक्ष कर सकते हैं जिन्हें उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए बाधा मानते हैं।
अमेरिकी विदेश नीति के समर्थक मानते हैं कि ट्रम्प के कार्यकाल में अमेरिका ने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौतों और नीतियों में बदलाव किया। उनका उद्देश्य था कि अमेरिका पहले और उसके हितों को प्राथमिकता दी जाए। UNGA में उनके भाषण में संभवतः इसी दृष्टिकोण को दोहराया जाएगा और यह बताया जाएगा कि उनके प्रशासन ने वैश्विक मंच पर किस तरह से अमेरिकी ताकत और प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास किया।
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विश्व नेताओं के लिए यह भाषण यह समझने का अवसर होगा कि ट्रम्प या उनके समर्थक किस तरह के वैश्विक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देते हैं। उनका रुख संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों के समर्थन पर अमेरिका के दृष्टिकोण को उजागर करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह भाषण अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अमेरिका की विदेश नीति पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
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