अमेरिका का राष्ट्रीय ऋण 37 ट्रिलियन डॉलर के ऐतिहासिक स्तर तक पहुँच गया है। यह राशि अब तक के सबसे बड़े आर्थिक दायित्व का संकेत देती है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के कांग्रेस बजट कार्यालय (CBO) ने जनवरी 2020 में किए गए अनुमान में भविष्यवाणी की थी कि अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण 2030 के बाद इस स्तर तक पहुँच सकता है। लेकिन मौजूदा आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यह मील का पत्थर अपेक्षा से पहले ही पार कर लिया गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण में वृद्धि का मुख्य कारण संघीय खर्च में वृद्धि, कर राजस्व में कमी, और आर्थिक संकटों के दौरान उठाए गए प्रोत्साहन उपाय रहे हैं। महामारी के दौरान लागू किए गए आर्थिक पैकेज और राहत उपायों ने भी इस ऋण में तेजी से वृद्धि में योगदान किया।
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राष्ट्रीय ऋण के बढ़ने से सरकार के लिए ब्याज भुगतान का दबाव बढ़ गया है, जिससे अन्य क्षेत्रीय खर्चों पर असर पड़ सकता है। अर्थशास्त्री चेतावनी देते हैं कि यदि ऋण बढ़ता रहा, तो भविष्य में यह आर्थिक स्थिरता और मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
हालांकि, अमेरिकी सरकार ने यह भी दावा किया है कि यह ऋण अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, रोजगार सृजन और विकास प्रोत्साहन के लिए जरूरी था। निवेशक और वैश्विक बाजार भी इस बड़े ऋण के प्रभाव पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका के लिए यह चुनौती केवल ऋण कम करने की नहीं, बल्कि दीर्घकालीन वित्तीय रणनीति तैयार करने की भी है। आर्थिक नीतियों में संतुलन बनाए रखना अब अमेरिकी प्रशासन की प्राथमिकता बन चुका है।
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