दक्षिण कोरिया में बौद्ध धर्म एक बार फिर युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है और इसे अब ‘हिप बुद्धिज़्म’ कहा जा रहा है। खासतौर पर जेनरेशन Z और 20–30 की उम्र के युवा बौद्ध धर्म को पारंपरिक, गंभीर या दूर की धार्मिक प्रथा के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक ट्रेंड, कंटेंट और मानसिक शांति के स्रोत के तौर पर अपना रहे हैं।
इस नए ट्रेंड की अगुवाई कर रही हैं 30 वर्षीय सीईओ जू यो-जिन, जिन्हें ‘बौद्ध जगत की आइडल’ कहा जा रहा है। उन्होंने बौद्ध विचारों को आधुनिक जीवनशैली, सोशल मीडिया और युवाओं की भाषा में पेश कर इसे आकर्षक बना दिया है। उनकी पहल ने बौद्ध धर्म को ध्यान, आत्म-खोज और मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ते हुए युवाओं के करीब पहुंचाया है।
The Indian Witness की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष सियोल, डेगू और अन्य क्षेत्रों में आयोजित बौद्ध एक्सपो में कुल लगभग 4 लाख लोगों ने भाग लिया। इनमें बड़ी संख्या 20 और 30 की उम्र के युवाओं की थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि युवा पीढ़ी में बौद्ध धर्म के प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बौद्ध धर्म पर आधारित कई लोकप्रिय किताबें पूरे साल बेस्टसेलर सूची में बनी रहीं। इनमें से एक किताब को के-पॉप गर्ल ग्रुप IVE की सदस्य जांग वोन-यंग द्वारा पढ़े जाने की भी चर्चा रही, जिससे युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई।
आज के तनावपूर्ण और प्रतिस्पर्धी समाज में दक्षिण कोरिया के युवा मानसिक सुकून की तलाश में हैं। बौद्ध धर्म का ध्यान, करुणा और आत्म-स्वीकृति पर जोर उन्हें आधुनिक जीवन की भागदौड़ से राहत देता है। यही कारण है कि बौद्ध धर्म अब उनके लिए सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि एक ‘लाइफस्टाइल’ और सांस्कृतिक पहचान बनता जा रहा है।
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