छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में मंगलवार (16 दिसंबर, 2025) को एक बड़ी सफलता दर्ज की गई, जब प्रतिबंधित संगठन CPI-माओवादी के 34 कैडरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 26 माओवादियों पर कुल ₹84 लाख का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की प्रभावी नक्सल विरोधी नीति और लगातार चल रहे संवाद, विकास तथा शांति आधारित प्रयासों का परिणाम है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 7 महिलाएं और 27 पुरुष शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़े थे और विभिन्न नक्सली गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। आत्मसमर्पण के दौरान इन कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि राज्य सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सकारात्मक असर डाला है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल कानूनी राहत दी जाती है, बल्कि उन्हें पुनर्वास, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। इसी वजह से अब बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़कर सामान्य जीवन अपनाने की दिशा में आगे आ रहे हैं।
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पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले कई माओवादी संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेदों, जंगलों में कठिन जीवन और सुरक्षा बलों की लगातार दबाव वाली कार्रवाइयों से भी परेशान थे। सरकार द्वारा विकास कार्यों, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से भी स्थानीय युवाओं का भरोसा बढ़ा है।
प्रशासन ने कहा कि यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। आने वाले समय में और अधिक माओवादियों के आत्मसमर्पण की उम्मीद जताई जा रही है।
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