भाजपा ने स्पष्ट किया है कि केवल आधार कार्ड के आधार पर किसी व्यक्ति को मतदाता सूची में नामांकित नहीं किया जा सकता। पार्टी ने कहा कि आधार केवल पहचान और निवास का प्रमाण है, और यह नागरिकता स्थापित नहीं करता।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया के लिए नागरिकता का प्रमाण आवश्यक है। आधार कार्ड महज पहचान और पता बताने का दस्तावेज़ है, लेकिन यह किसी व्यक्ति की नागरिकता को साबित नहीं करता। इसलिए मतदाता बनने के लिए अन्य दस्तावेज़ों की भी आवश्यकता होती है।
केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) के नियमों के अनुसार, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, या अन्य नागरिकता-संबंधी दस्तावेज़ की जरूरत होती है। आधार कार्ड केवल पहचान की सुविधा देता है और इसके माध्यम से अन्य दस्तावेज़ों की पुष्टि की जा सकती है।
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भाजपा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कई राज्यों में मतदाता पंजीकरण और आधार लिंकिंग को लेकर विवाद चल रहा है। पार्टी ने कहा कि यदि केवल आधार के आधार पर पंजीकरण किया जाता है, तो यह संवैधानिक नियमों और नागरिक अधिकारों के उल्लंघन का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, पार्टी ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने मतदाता पहचान पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ समय पर अपडेट करें ताकि मतदाता सूची में शामिल होने में किसी प्रकार की समस्या न हो।
इस प्रकार, भाजपा ने साफ कर दिया है कि मतदाता बनने के लिए आधार कार्ड अकेला पर्याप्त नहीं है और अन्य प्रमाणपत्रों के साथ ही पंजीकरण किया जा सकता है। यह कदम मतदाता अधिकारों की सुरक्षा और पंजीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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