तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार (1 दिसंबर 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें पीएम ने संसद को “ड्रामा नहीं, डिलीवरी की जगह” बताया था। बनर्जी ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया और अन्य शासन संबंधी मुद्दों पर जवाबदेही की मांग करना ड्रामा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक कर्तव्य है।
प्रधानमंत्री ने सत्र शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि विपक्ष संसद को चुनावों के लिए “वार्म-अप एरीना” बना रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि वे विपक्ष को “सकारात्मक राजनीति के टिप्स” देने के लिए तैयार हैं।
इसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि विपक्ष केवल SIR पर एक औपचारिक बहस की मांग कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि SIR प्रक्रिया में खामियों के कारण “करीब 40 लोगों, जिनमें बूथ लेवल अधिकारी (BLO) भी शामिल हैं,” की मौत हुई है। उन्होंने चुनाव आयोग (EC) पर “असंगठित और तकनीकी खामियों से भरे” SIR को लागू करने का आरोप लगाया और कहा कि BLO को पर्याप्त प्रशिक्षण या उपकरण नहीं दिए गए।
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बनर्जी ने कहा, “अगर जनता की आवाज उठाना ड्रामा है, तो जनता अगली बार इसका जवाब देगी। सरकार और EC जवाबदेही से बच नहीं सकते।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा हर मुद्दे पर चुनिंदा आक्रोश दिखाती है और जिम्मेदारी से बचती है — चाहे वह नोटबंदी हो, सुरक्षा चूक हो या आतंकी हमले।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कानूनी दायरे में रहकर सवाल उठा रहा है और भाजपा सत्ता में रहते हुए जवाबदेही से बच नहीं सकती। बनर्जी ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच में कथित चूक, SIR में मौतों और बंगाल के “2 लाख करोड़ रुपये रोके जाने” का भी मुद्दा उठाया।
बनर्जी ने कहा कि लोकतंत्र में जवाबदेही विकल्प नहीं हो सकती और विपक्ष संसद के अंदर व बाहर दोनों जगह सरकार से जवाब मांगता रहेगा।
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