2017 के चर्चित अभिनेता दुष्कर्म मामले की पीड़िता ने ट्रायल कोर्ट के हालिया फैसले पर गहरी निराशा और असंतोष व्यक्त किया है। रविवार को सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक तीखे पोस्ट में पीड़िता ने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसके मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई और उसे न्याय पाने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा।
अपने पोस्ट में पीड़िता ने बताया कि इस पूरे मामले में उसे किस तरह मानसिक, सामाजिक और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उसने आरोप लगाया कि अदालत का फैसला उसके लिए बेहद निराशाजनक रहा और इससे उसे यह महसूस हुआ कि सच्चाई और पीड़ित की आवाज को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया। पीड़िता ने यह भी कहा कि न्याय की इस लंबी लड़ाई के दौरान उसे कई बार झटके लगे, जिससे उसका भरोसा कमजोर हुआ।
पीड़िता ने विशेष रूप से उस अहम सबूत का जिक्र किया, जिसे मामले का सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण माना गया था — यानी मेमोरी कार्ड। उसके अनुसार, अदालत की हिरासत में रहते हुए यह मेमोरी कार्ड तीन बार अवैध रूप से एक्सेस किया गया। उसने कहा कि इतने गंभीर सबूत के साथ इस तरह की लापरवाही या छेड़छाड़ यह दर्शाती है कि उसके मौलिक अधिकारों और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों की अनदेखी की गई।
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सोशल मीडिया पोस्ट में पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि वर्ष 2020 के आसपास से ही उसे और अभियोजन पक्ष को यह महसूस होने लगा था कि मामले को संभालने के तरीके में बदलाव आ रहा है। खास तौर पर एक आरोपी के संदर्भ में न्यायिक प्रक्रिया में अलग तरह का रवैया अपनाया जा रहा था, जो उसे बेहद चिंताजनक लगा।
पीड़िता ने कहा कि उसका यह बयान किसी व्यक्तिगत भावना से प्रेरित नहीं है, बल्कि उस सच्चाई को सामने लाने का प्रयास है, जिससे भविष्य में किसी अन्य पीड़ित को इस तरह की पीड़ा न झेलनी पड़े। उसने समाज और न्याय प्रणाली से अपील की कि यौन अपराधों के मामलों में पीड़ितों की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों को सर्वोपरि रखा जाए।
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