अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी दिल्ली पहुंच गए, जहां उनका उद्देश्य भारत-अफगानिस्तान के बीच राजनीतिक, आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना है। उनका यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों पर बातचीत के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्रोतों के अनुसार, मुत्तकी की भारत यात्रा विदेश सचिव विक्रम मिश्र के साथ जनवरी में हुई बातचीत के बाद की जा रही है। उस समय, तालिबान शासन ने भारत को एक “महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति” के रूप में मान्यता दी थी। दोनों पक्षों ने उस बातचीत में अफगानिस्तान में स्थिरता, विकास परियोजनाओं और आर्थिक सहयोग पर चर्चा की थी।
मुत्तकी की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्निर्माण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के अवसर तलाशने की उम्मीद है। साथ ही, क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह दौरा भारत-अफगानिस्तान संबंधों को नई दिशा देने और दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूत करने के लिए अहम है। यह भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है कि अफगानिस्तान के स्थिर और समृद्ध भविष्य में उसकी भागीदारी महत्वपूर्ण है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुत्तकी का दौरा आर्थिक निवेश, मानव सहायता और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग के अवसर बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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