पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की बंगाल इकाई ने संकेत दिए हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूँ कबीर के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। एआईएमआईएम के बंगाल प्रभारी इमरान सोलंकी ने The Indian Witness से खास बातचीत में बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है और कुछ सीटों पर समझौता होने की संभावना है।
सोलंकी ने कहा, “मैं हुमायूँ कबीर से बात कर चुका हूं। वे ओवैसी की राष्ट्रीय छवि के कारण गठबंधन चाहते हैं। हम भी कुछ सीटों पर उनके साथ आना चाहते हैं। अंतिम फैसला ओवैसी साहब करेंगे।”
हुमायूँ कबीर 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे। बाबरी मस्जिद की तर्ज़ पर मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी’ मस्जिद बनाने के प्रस्ताव के बाद वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए। तृणमूल से निलंबित होने के बाद वे ममता बनर्जी की मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में हैं और खुद को अगले चुनाव में “किंगमेकर” के रूप में पेश कर रहे हैं।
एआईएमआईएम बंगाल की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सोलंकी ने दावा किया कि इस बार उनकी पार्टी बंगाल में मजबूत मुकाबला देगी। उन्होंने कहा, “हमारी संगठनात्मक स्थिति पहले से मजबूत है। ओवैसी साहब भी इस बार काफी सक्रिय हैं। उनसे मेरी कई बार बात हुई है।”
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उन्होंने आगे कहा कि एआईएमआईएम का प्रभाव मालदा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर सहित कोलकाता की कुछ सीटों पर भी मजबूत है। ओवैसी इन क्षेत्रों में कैंप भी करेंगे।
सोलंकी ने ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि इसका असर आगामी चुनावों में साफ नजर आएगा। “अल्पसंख्यकों में नाराजगी है और यह चुनावी परिणामों को प्रभावित करेगा”।
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