भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक अभूतपूर्व और गौरवपूर्ण क्षण देखने को मिला, जब वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने हैदराबाद के डुंडीगल स्थित एयर फोर्स अकादमी (AFA) में आयोजित संयुक्त दीक्षांत परेड (कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड) के दौरान स्वयं विमान उड़ाया। इस अवसर पर उन्होंने तीन विमानों के ‘किरण’ फॉर्मेशन का नेतृत्व किया, जबकि नव-नियुक्त भारतीय वायुसेना अधिकारियों ने सैन्य धुनों पर परेड की।
यह पहली बार है जब किसी सेवारत वायुसेना प्रमुख ने एयर फोर्स अकादमी में आयोजित संयुक्त दीक्षांत परेड के दौरान उड़ान भरी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल कार्यक्रम को विशेष बना दिया, बल्कि युवा अधिकारियों और कैडेट्स के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना।
इस दीक्षांत समारोह में कुल 244 फ्लाइट कैडेट्स ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जिनमें 215 पुरुष और 29 महिला कैडेट्स शामिल थीं। ये सभी कैडेट्स कठोर प्रशिक्षण और अनुशासन के बाद भारतीय वायुसेना में अधिकारी के रूप में कमीशन हुए।
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एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और प्रायोगिक परीक्षण पायलट (एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट) हैं। उन्हें फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। ‘किरण’ विमान भारतीय वायुसेना में पायलटों के इंटरमीडिएट फ्लाइंग प्रशिक्षण के लिए उपयोग किए जाते हैं और प्रशिक्षण प्रणाली में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
दीक्षांत परेड के दौरान वायुसेना प्रमुख का यह कदम नेतृत्व, व्यावसायिक कौशल और समर्पण का सशक्त संदेश देता है। यह आयोजन न केवल वायुसेना की परंपराओं और गौरव को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि शीर्ष नेतृत्व आज भी सक्रिय रूप से अपने पेशेवर कौशल से जुड़ा हुआ है।
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