आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को सख्ती से निर्देश दिया है कि वह सभी स्पीड-ब्रेकर्स के निर्माण और रखरखाव में भारतीय मार्ग संस्थान (IRC) के नवीनतम दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करे। न्यायालय ने यह आदेश सड़क सुरक्षा और वाहनों की सुचारू आवाजाही को ध्यान में रखते हुए दिया।
न्यायाधीशों ने कहा कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि पहले से बने सभी स्पीड-ब्रेकर्स को IRC के मानकों के अनुरूप लाया जाए। इसके अलावा, भविष्य में बनाए जाने वाले नए स्पीड-ब्रेकर्स भी उसी दिशा-निर्देशों के अनुसार बनाए जाएँ।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि दिशानिर्देशों का पालन न केवल सड़क पर दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा, बल्कि सड़क यातायात के प्रवाह को भी सुरक्षित बनाए रखेगा। न्यायालय ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध योजना तैयार करने का निर्देश दिया कि सभी सुधार और निर्माण कार्य उचित समय सीमा के भीतर पूर्ण हों।
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विशेषज्ञों का कहना है कि IRC दिशानिर्देश सड़क सुरक्षा के लिए मानक तय करते हैं और उनकी अनदेखी से वाहन चालकों और राहगीरों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। उच्च न्यायालय का यह कदम राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य सरकार ने अभी तक आदेश पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि सभी स्पीड-ब्रेकर्स के निरीक्षण और आवश्यक सुधार शीघ्र शुरू किए जाएंगे।
यह आदेश सड़क सुरक्षा में सुधार और दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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