सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद 17 साल बाद नागपुर जेल से बाहर आए अरुण गवली
गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 17 साल बाद नागपुर जेल से रिहा कर दिया गया। उन पर हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा तय शर्तों के आधार पर उन्हें जमानत दी है।
गवली को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें महाराष्ट्र के एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, गवली ने लगातार अपनी बेगुनाही का दावा किया और सजा के खिलाफ अपील दायर की।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवली को जमानत दी जा रही है, बशर्ते वे ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए सभी नियमों और शर्तों का पालन करें। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत का मतलब दोषमुक्त होना नहीं है और मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी।
गवली की रिहाई के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर देखी गई। कई लोग नागपुर जेल के बाहर उनका स्वागत करने पहुंचे। वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला गवली के लिए राहत जरूर है, लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ है।
राजनीतिक हलकों में गवली की रिहाई को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जेल से बाहर आने के बाद गवली दोबारा सक्रिय राजनीति में कदम रखते हैं या नहीं।
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