असम के मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि राज्य में बाहरी लोग अगर संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने या उकसाने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम किसी भी तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। चाहे ये लोग केरल से आएं, मुंबई से आएं या दिल्ली से — अगर वे सीमा लांघेंगे, तो कानून अपना काम करेगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि असम में शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी तत्व जानबूझकर संवेदनशील मुद्दों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और ऐसे किसी भी व्यक्ति पर कड़ी नजर रख रही है जो असम के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने जोर दिया कि असम की जनता विकास चाहती है, न कि धर्म या क्षेत्रीयता के नाम पर राजनीति। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में किसी को भी साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वह किसी भी राज्य से क्यों न हो।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने का संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य सरकार किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को गंभीरता से ले रही है।
असम सरकार का यह सख्त रुख आने वाले समय में ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज कर सकता है।
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