बहराइच के महाराजगंज गांव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए साम्प्रदायिक तनाव से जुड़े एक वर्ष पुराने मामले में स्थानीय अदालत ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने 25 वर्षीय मुख्य आरोपी को मृत्युदंड और अन्य नौ अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
यह मामला 2024 का है, जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस हिंसा में 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह अपराध न केवल एक व्यक्ति के जीवन को खत्म करता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर प्रहार करता है। फैसले में अदालत ने मनुस्मृति के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए अपराध की प्रकृति को अत्यंत गंभीर बताया और कहा कि समाज में शांति बनाए रखने के लिए कड़ी सजा आवश्यक है।
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अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी ने जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा दिया और प्रत्यक्ष रूप से रामगोपाल मिश्र पर हमला किया, जिसके चलते उसकी मौत हुई। पुलिस ने घटना के तुरंत बाद मुख्य आरोपी सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया था।
अदालत ने कहा कि अपराध की क्रूरता और साम्प्रदायिक तनाव को देखते हुए मुख्य आरोपी को फांसी की सजा उचित है, जबकि बाकी नौ अभियुक्तों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए उन्हें उम्रकैद दी जाती है।
परिजनों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया और कहा कि न्याय मिलने से उनका दुख कुछ कम हुआ है। घटना के बाद से ही गांव में प्रशासन लगातार शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
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