पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्य में लगभग 14,000 नए मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं। इस प्रस्तावित विस्तार पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों की बैठक 29 अगस्त को बुलाई गई है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मतदान केंद्रों की इतनी बड़ी संख्या में वृद्धि चुनावी संगठन के लिए चुनौती पेश कर सकती है। विशेष रूप से विपक्षी दलों के लिए यह कठिनाई अधिक होगी, क्योंकि उन्हें हर बूथ पर एजेंट (BLA – बूथ लेवल एजेंट) तैनात करना होगा। नए केंद्रों की संख्या बढ़ने से बूथ स्तर पर निगरानी और मतदान प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नए मतदान केंद्र नागरिकों की सुविधा और मतदान में सुगमता बढ़ाने के लिए बनाए जा रहे हैं। लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे रणनीतिक दृष्टि से देखा जा रहा है, क्योंकि बूथ वितरण और एजेंट तैनाती का असर चुनावी परिणामों पर पड़ सकता है।
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बैठक में विभिन्न दलों को इस बदलाव की रूपरेखा, बूथों की संख्या और उनके वितरण की जानकारी दी जाएगी। दलों को यह अवसर मिलेगा कि वे अपनी रणनीति और संसाधनों को इस नई व्यवस्था के अनुसार समायोजित कर सकें।
विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और व्यापक बनाने का प्रयास है, लेकिन साथ ही राजनीतिक दलों की तैयारियों की भी परीक्षा लेने वाला साबित होगा।
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