पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गौर बंग विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) को कर्तव्यहीनता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते उनके पद से हटा दिया है। राज्यपाल का यह आदेश उस समय आया है जब हाल ही में विश्वविद्यालय के कॉलेज निरीक्षक ने कुलपति पर कथित रूप से धन की मांग करने का आरोप लगाया था, ताकि वे अपने कानूनी खर्चों को पूरा कर सकें।
विश्वविद्यालय प्रशासन के भीतर लंबे समय से अनियमितताओं और कार्य में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। राज्यपाल के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया कि यह कदम विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक ईमानदारी को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। यह कार्रवाई संकेत देती है कि राज्यपाल उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुशासन और पारदर्शिता को लेकर सख्त रुख अपनाने के मूड में हैं।
कुलपति के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत कानूनी मामलों के खर्चों के लिए कथित रूप से धन की अवैध मांग की थी। विश्वविद्यालय के कॉलेज निरीक्षक की शिकायत के बाद राज्यपाल ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की।
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सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय के कई शिक्षक और छात्र लंबे समय से प्रशासनिक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे थे। राज्यपाल के इस फैसले को शिक्षा जगत में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
राज्यपाल के आदेश के बाद अब विश्वविद्यालय के प्रशासन को स्थिर करने के लिए नए कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। यह घटना पश्चिम बंगाल के उच्च शिक्षा क्षेत्र में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल भी पैदा कर सकती है।
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