चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के लिए 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती करने का निर्णय लिया है। इन पर्यवेक्षकों की मुख्य जिम्मेदारी चुनावी तैयारियों की समीक्षा करना, मतदान प्रक्रिया की निगरानी करना और चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करना होगी।
चुनाव आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के अनुसार, इन सभी पर्यवेक्षकों का ब्रिफिंग 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में उन्हें मतदान प्रक्रिया, सुरक्षा इंतजाम और निर्वाचन में किसी भी संभावित चुनौतियों से निपटने के तरीकों के बारे में निर्देश दिए जाएंगे।
इस ब्रिफिंग के एक दिन बाद, यानी 4 अक्टूबर को, चुनाव आयोग बिहार का दौरा करेगा ताकि वहां के चुनावी तैयारियों का सीधे निरीक्षण किया जा सके। आयोग का यह कदम चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निर्बाध बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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चुनाव आयोग ने पहले ही बिहार के निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पर्यवेक्षक इन निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितताओं पर तुरंत रिपोर्ट करेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यवेक्षकों की तैनाती चुनावी प्रक्रिया में सुधार और मतदाता विश्वास बनाए रखने में मदद करेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से भी अपील की है कि वे शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया बनाए रखने में सहयोग करें और मतदाताओं के अधिकारों का सम्मान करें।
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