बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने घोषणा की है कि वह मिथिलांचल क्षेत्र में अपने राजनीतिक अभियान का विस्तार करेगी। पार्टी का उद्देश्य इस क्षेत्र में अपनी चुनावी पकड़ मजबूत करना और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है। AIMIM का यह कदम राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे बिहार के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है।
वहीं, चुनावी सरगर्मी में एक और दिलचस्प खबर यह है कि युवा और लोकप्रिय लोक गायिका मैथिली ठाकुर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। मैथिली ठाकुर को मिथिला और बिहार की सांस्कृतिक पहचान के रूप में जाना जाता है, और उनकी लोकप्रियता और युवा समर्थक आधार पार्टी के लिए चुनावी लाभ साबित हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AIMIM का मिथिलांचल में प्रवेश और मैथिली ठाकुर का बीजेपी से चुनावी मैदान में उतरना क्षेत्रीय राजनीति में नई रणनीतियों और वोट बैंक प्रतिस्पर्धा को जन्म दे सकता है। AIMIM की नीति इस क्षेत्र में सामाजिक न्याय, शिक्षा और विकास मुद्दों पर आधारित रही है, जबकि मैथिली ठाकुर की उपस्थिति युवा और सांस्कृतिक पहचान वाले मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है।
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चुनावी मौसम में ये दोनों घटनाएं बिहार की राजनीतिक तस्वीर को दिलचस्प और जटिल बना रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी चुनाव में इन नई रणनीतियों और उम्मीदवारों के कारण मतदाताओं का रुझान और क्षेत्रीय समीकरण अहम भूमिका निभाएंगे।
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