बिहार सरकार ने राज्य में लंबित आपराधिक मामलों के त्वरित निपटारे के उद्देश्य से 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) स्थापित करने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इन अदालतों का मुख्य लक्ष्य लंबित मामलों का जल्द समाधान करना, मौजूदा न्यायिक प्रणाली पर बोझ कम करना और संवेदनशील प्रकृति के मामलों को प्राथमिकता देना है।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्षों से लंबित पड़े कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामलों को जल्द निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। नए एफटीसी इससे न्याय व्यवस्था को गति देंगे और आम लोगों के लिए न्याय तक पहुंच आसान होगी।
सम्राट चौधरी ने यह भी बताया कि राजधानी पटना में आठ फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रस्तावित किए गए हैं। इसी तरह गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में चार-चार अदालतें स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन अदालतों के गठन से न केवल लंबित मामलों का तेजी से निपटारा होगा, बल्कि पीड़ितों को समय पर न्याय भी मिल सकेगा।
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उन्होंने कहा कि सरकार न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। नए एफटीसी की स्थापना से अभियोजन प्रक्रिया में तेजी आएगी तथा विशेष रूप से गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि इन अदालतों से न्याय वितरण प्रणाली मजबूत होगी और आम जनता का विश्वास और बढ़ेगा। सम्राट चौधरी ने आशा व्यक्त की कि नए फास्ट ट्रैक कोर्ट राज्य में कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली दोनों में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
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