बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिससे सियासी हलचल और बढ़ गई है। पटना में कई आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास 10, सर्कुलर रोड पहुंचते देखा गया, जहां वे अपने पार्टी प्रतीक (symbol) लौटाने आए थे।
जानकारी के अनुसार, इन नेताओं को पहले ही पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल करने के लिए प्रतीक आवंटित किए गए थे, लेकिन सीट बंटवारे में चल रही अनिश्चितता और नाराज़गी के चलते उन्होंने प्रतीक लौटाने का निर्णय लिया। यह घटनाक्रम आरजेडी में आंतरिक असंतोष और दबाव की स्थिति को उजागर करता है।
महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी दल — कांग्रेस, आरजेडी और वाम दलों — के बीच अब तक सीटों के अंतिम वितरण को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी कम से कम 70 सीटों की मांग पर अडिग है, जबकि आरजेडी 58 से अधिक देने को तैयार नहीं है।
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वहीं, जदयू-भाजपा गठबंधन की ओर से सीटों का बंटवारा लगभग तय बताया जा रहा है, जिससे विपक्षी खेमे पर दबाव और बढ़ गया है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यदि जल्द सहमति नहीं बन पाई तो यह महागठबंधन की एकजुटता पर बड़ा असर डाल सकता है।
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