बिहार में संपत्ति और हित संबंधी रिकॉर्ड (SIR) से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट आज लाइव सुनवाई कर रहा है। इसमें राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियाँ, आरजेडी और AIMIM, ने दावा फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है। इन पार्टियों ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश दिया जाए कि वे दावों और आपत्तियों की प्राप्ति की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दें।
आरजेडी और AIMIM का कहना है कि वर्तमान समयसीमा में सभी दावों और आपत्तियों को समुचित तरीके से जमा करना मुश्किल है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यदि समयसीमा बढ़ाई जाती है, तो अधिक लोग अपने अधिकार और संपत्ति से जुड़े दावे सुरक्षित रूप से पेश कर सकेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह मामला चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायसंगत अवसर सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया निर्धारित समय के भीतर पूरी की जाए। हालांकि, पार्टियों की याचिकाओं के कारण कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू कर दी है और सभी पक्षों को बहस का अवसर दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई बिहार के राजनीतिक परिदृश्य और आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकती है।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि कोर्ट दावे की समयसीमा बढ़ाती है, तो यह बिहार में मतदाता और उम्मीदवार दोनों के लिए एक निर्णायक फैसला साबित हो सकता है। इस कदम से चुनावी प्रक्रिया में अधिक लोगों को शामिल होने का अवसर मिलेगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
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