सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने एचपीजेड टोकन निवेश धोखाधड़ी मामले में 27 व्यक्तियों, जिनमें दो चीनी नागरिक और तीन कंपनियां शामिल हैं, के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
मामले की जांच के अनुसार, शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, जो चीनी नागरिकों के स्वामित्व और नियंत्रण में थी, ने केवल तीन महीनों के भीतर COVID-19 लॉकडाउन के दौरान ‘HPZ Tokens’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाए। इस एप्लिकेशन ने क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में निवेश पर भारी रिटर्न का वादा किया था।
CBI ने आरोप लगाया कि आरोपी लोगों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए झूठे दावे और गुमराह करने वाली जानकारी का इस्तेमाल किया। निवेशकों से करोड़ों रुपये इकट्ठा किए गए और कई लोग भारी आर्थिक नुकसान के शिकार हुए।
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तीन कंपनियों के माध्यम से यह नेटवर्क संचालित किया गया, जिसमें विदेशी और भारतीय नागरिक दोनों शामिल थे। चीनी नागरिकों का मुख्य उद्देश्य भारी लाभ कमाना और निवेशकों को धोखा देना था।
CBI ने मामले में व्यापक जांच करते हुए मोबाइल एप्लिकेशन के लेन-देन, निवेशकों के डेटा और आरोपियों की वित्तीय गतिविधियों का विश्लेषण किया। इस कार्रवाई के तहत अब आरोपियों पर गंभीर आर्थिक अपराधों और धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेश से जुड़ी धोखाधड़ी की गंभीर घटनाओं में से एक माना जा रहा है। CBI ने कहा कि जांच जारी है और अन्य संबंधित व्यक्तियों को भी ट्रेस किया जा रहा है।
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