सरकार ने आगामी 1 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में 10 नए विधेयक पेश करने की तैयारी की है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण 'परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025' शामिल है। यह विधेयक भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और नियमन को नए ढांचे में लाने के साथ-साथ सिविल परमाणु क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी का मार्ग भी खोलता है।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, सरकार 'हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया' विधेयक भी पेश करने जा रही है। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता देना, उन्हें आत्मनिर्भर संस्थानों के रूप में विकसित करना और एक पारदर्शी प्रत्यायन व्यवस्था स्थापित करना है। यह सरकार के एजेंडे में लंबे समय से शामिल रहा है।
सूचीबद्ध अन्य विधेयकों में राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है। इसके अलावा कॉरपोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 भी पेश किया जाएगा, जो कंपनियां अधिनियम, 2013 और LLP अधिनियम, 2008 में संशोधनों के माध्यम से कारोबार को आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
और पढ़ें: संसद के शीतकालीन सत्र पर केंद्र और कांग्रेस आमने-सामने, किरेन रिजिजू ने कहा – क्या कांग्रेस को बहस में दिलचस्पी है?
सरकार ‘सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल (SMC), 2025’ भी लाने जा रही है, जो SEBI अधिनियम, 1992, डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996 और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेग्युलेशन) अधिनियम, 1956 को एक समेकित कोड में बदलने का प्रस्ताव करता है।
इसके साथ ही मध्यस्थता और सुलह अधिनियम में संशोधन भी प्रस्तावित हैं, खास तौर पर धारा 34 से संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के अवलोकन को देखते हुए। दो पुराने विधेयक भी इस सत्र में विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध हैं। इसके अलावा वर्ष का पहला अनुपूरक बजट भी एजेंडा में शामिल है।
15 बैठकों वाला यह सत्र 19 दिसंबर को समाप्त होगा।
और पढ़ें: मुंबई में रासायनिक रिसाव से एक की मौत, दो अस्पताल में भर्ती