कांग्रेस की कार्यकारी समिति (CWC) की हालिया बैठक में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीतियों पर तीखा हमला किया गया। बैठक में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हग्लोमेसी’ — यानी व्यक्तिगत मेलजोल और सुलह-समझौते की कूटनीति — ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है।
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि BJP के चुनावी उपकरणों में वोट ‘चोरी’ जैसी रणनीतियाँ शामिल हैं। कांग्रेस ने विशेष जोर देकर कहा कि Special Intensive Revision (SIR) की साजिश लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बैठक में पास किए गए प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया: “SIR की प्रक्रिया उन वंचित और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के मतदान के अधिकार को छीनने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह लोकतंत्र पर हमला है।”
CWC बैठक में नेताओं ने यह भी चर्चा की कि SIR जैसी नीतियों के माध्यम से संवैधानिक अधिकारों और मतदान की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस प्रक्रिया को रोकने और मतदाता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की यह बैठक न केवल आगामी चुनावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों के भविष्य पर भी ध्यान आकर्षित करती है। बैठक में नेताओं ने जनता के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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