कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित जीएसटी सुधारों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इन्हें सरकार का "देर से लिया गया यू-टर्न" करार दिया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने जीएसटी लागू करते समय विपक्ष और विशेषज्ञों की सलाह को नज़रअंदाज़ किया था, और अब उन्हीं बिंदुओं को स्वीकार कर संशोधन कर रही है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जीएसटी के मौजूदा ढांचे ने पिछले सात वर्षों में छोटे व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं और आम उपभोक्ताओं पर अनावश्यक बोझ डाला है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर समय पर सुधार करती तो आर्थिक गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन मिल सकता था और लोगों को महँगाई का सामना नहीं करना पड़ता।
उनके अनुसार, यह सुधार केंद्र की मजबूरी बन गए हैं क्योंकि जनता में असंतोष बढ़ रहा है और अर्थव्यवस्था दबाव में है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से यह मांग कर रही थी कि रोज़मर्रा की ज़रूरत की वस्तुओं पर टैक्स घटाया जाए और छोटे व्यापारियों के लिए व्यवस्था सरल बनाई जाए।
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इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से पारदर्शिता बरतने और कर सुधारों पर सभी राजनीतिक दलों व हितधारकों से संवाद स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि "देशहित के मुद्दों पर सरकार को हठधर्मिता छोड़नी चाहिए और समय रहते सही फैसले लेने चाहिए।"
विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह रुख जीएसटी पर राजनीतिक बहस को और तेज़ कर सकता है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि ये सुधार आम जनता के हित में है और सरकार लगातार अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए काम कर रही है।
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