दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका तट के पास सक्रिय चक्रवाती तूफान ‘दित्वाह’ तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा का कारण बनने वाला है। इसके साथ ही मलक्का की खाड़ी में मौजूद अवसाद—जो ‘सेन्यार’ चक्रवात का अवशेष है—भी बारिश की स्थितियों को और बढ़ा रहा है।
शुक्रवार को डेल्टा और आसपास के जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। सप्ताहांत तक इसके उत्तर तमिलनाडु की ओर बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है।
दक्षिण तटीय और डेल्टा जिलों—जैसे रामनाथपुरम, तंजावुर, अरियालुर और कडलूर—में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने चेतावनी दी है कि मौसम प्रणाली और तीव्र हो सकती है, जिससे बारिश की तीव्रता बढ़ने की आशंका है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 29, 30 नवंबर और 1 दिसंबर को रायलसीमा तथा दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में बहुत भारी से लेकर अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, क्योंकि चक्रवात ‘दित्वाह’ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के और निकट आ रहा है।
चक्रवात का यह मार्ग तटीय इलाकों में तेज़ हवाएँ, समुद्री उफान और जलभराव की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, समुद्री सिस्टम का भूमि की ओर बढ़ना सामान्य है, क्योंकि चक्रवात ऊर्जा समुद्र के गर्म जल से लेते हैं और भूमि की ओर आते समय उनकी दिशा हवा के पैटर्न और दबाव प्रणालियों से प्रभावित होती है।
सप्ताहांत तक प्रभावित क्षेत्रों में आपात टीमों को तैनात रखा जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियों की संभावना भी बढ़ गई है, विशेषकर भारी वर्षा वाले जिलों में।
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