लोकसभा में मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले दस वर्षों में माओवाद (वामपंथी उग्रवाद) से प्रभावित राज्यों और जिलों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है। प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जहां पहले 10 राज्य माओवाद की समस्या से गंभीर रूप से प्रभावित थे, वहीं अब इनकी संख्या घटकर केवल पाँच रह गई है।
इसी तरह, जिलों के स्तर पर भी परिस्थिति में भारी सुधार देखा गया है। श्री राय के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या दस साल पहले 126 थी, जो अब घटकर मात्र 11 रह गई है। यह गिरावट सुरक्षा बलों की कार्रवाई, राज्यों के सहयोग और केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए विकासात्मक कार्यक्रमों का परिणाम है।
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापक विकास कार्य भी किए गए हैं। इन इलाकों में नए स्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), कौशल विकास केंद्र (Kaushal Vikas Kendra), बैंक और एटीएम स्थापित किए गए हैं ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और आधारभूत सुविधाओं की कमी दूर हो सके।
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गृह मंत्रालय का कहना है कि सरकार की बहु-आयामी रणनीति—जिसमें सुरक्षा, विकास, आधारभूत ढांचा, आर्थिक अवसर और प्रशासनिक पहुंच शामिल है—ने इन क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सरकार ने दावा किया कि आने वाले वर्षों में माओवाद का प्रभाव और भी कम होगा, क्योंकि केंद्र और राज्य मिलकर इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
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