कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने अपने कथित बयान “सीएम बनने का समय आ गया है” के संदर्भ में बढ़ती चर्चा पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह बयान उनके द्वारा कभी नहीं दिया गया और इसे मीडिया या सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि इस तरह की गलत प्रस्तुति और बयानबाजी उनके राजनीतिक करियर और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि वे उन सभी लोगों के खिलाफ मानहानि (defamation) का मुकदमा दायर करेंगे जिन्होंने उनके कथित बयान को तोड़-मरोड़ कर फैलाया।
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता कर्नाटक की जनता और पार्टी के हितों के लिए काम करना है, न कि किसी व्यक्तिगत राजनीतिक दावे को लेकर बयानबाजी करना। शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक बयानबाजी को सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
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विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयानबाजी की घटनाएं अक्सर राजनीतिक नेताओं की छवि और साख पर असर डालती हैं, खासकर जब सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के खबरें फैलती हैं। डी.के. शिवकुमार का यह कदम यह संदेश देता है कि वरिष्ठ नेता अपनी प्रतिष्ठा और बयान की सटीकता को लेकर सतर्क हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस के नेताओं के बीच नेतृत्व और सीएम पद को लेकर सियासी चर्चाएं लगातार चलती रहती हैं। शिवकुमार की चेतावनी इस बात को भी स्पष्ट करती है कि वे अपनी छवि और सम्मान की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपनाने में पीछे नहीं हटेंगे।
इस घटना ने यह दिखाया कि राजनीतिक नेताओं के बयान और उनके अर्थ को लेकर सटीकता और जिम्मेदारी कितना महत्वपूर्ण है।
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