कोयला मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर महीने में भारत का घरेलू कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.06 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद उत्पादन तय किए गए मासिक लक्ष्य से कम रहा। मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर के लिए निर्धारित लक्ष्य 97.18 मिलियन टन (एमटी) था, जबकि वास्तविक उत्पादन 92.68 एमटी दर्ज किया गया।
नवंबर 2025 में कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया लिमिटेड, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल), कैप्टिव खदानों और अन्य स्रोतों से प्राप्त कोयला शामिल है। पिछले वर्ष नवंबर में यह उत्पादन 90.81 एमटी था, जिसके मुकाबले इस साल उत्पादन में मामूली लेकिन महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।
हालांकि, उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी एक और अहम जानकारी सामने आई है। नवंबर महीने में बिजली उत्पादन अक्टूबर की तुलना में लगभग 5.8 प्रतिशत घट गया। इसका मुख्य कारण मौसम की स्थिति को बताया गया है। अपेक्षाकृत मध्यम और अनुकूल मौसम के चलते हीटिंग और कूलिंग उपकरणों की मांग में कमी आई, जिससे बिजली की खपत और उत्पादन दोनों पर असर पड़ा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कोयला उत्पादन में लगातार वृद्धि सरकार के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन लक्ष्य से पीछे रहना यह दर्शाता है कि आपूर्ति श्रृंखला, परिवहन और खनन क्षमता से जुड़ी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। आने वाले महीनों में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना के साथ कोयला उत्पादन को लक्ष्य के अनुरूप बढ़ाना सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगा।
सरकार ने पहले ही संकेत दिए हैं कि घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए खनन परियोजनाओं में तेजी, निजी क्षेत्र की भागीदारी और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
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