रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा तट से ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल का लगातार सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि मिसाइलों ने पूर्व निर्धारित प्रक्षेप पथ का सटीकता से पालन किया और लक्षित बिंदु को बिल्कुल सही तरीके से भेदा। सभी परीक्षण उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किया गया। लगातार दो परीक्षणों के दौरान मिसाइलों ने अपनी क्षमता और विश्वसनीयता साबित की। मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल में उन्नत गाइडेंस सिस्टम और अत्याधुनिक नेविगेशन तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे यह लक्ष्य को बिना किसी चूक के भेदने में सक्षम है।
‘प्रलय’ एक क्वासी-बैलिस्टिक सरफेस-टू-सरफेस शॉर्ट रेंज मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है। यह उच्च गति से कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बच निकलने में सक्षम है।
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रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार किए गए ये परीक्षण भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिसाइल का इस्तेमाल युद्ध के मैदान में उच्च सटीकता वाले प्रहार के लिए किया जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीआरडीओ द्वारा विकसित यह प्रणाली भविष्य में भारतीय सशस्त्र बलों को सामरिक बढ़त प्रदान करेगी। परीक्षण के दौरान मिसाइल की सभी तकनीकी और परिचालन मापदंडों की पुष्टि की गई।
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